चार ग्रहों की युति से एक माह संकट

बृहस्पति के साथ शुक्र, शनि व केतु चार ग्रहों की युती से आगामी एक माह शासन, प्रशासन के लिये कड़ी अग्नि परीक्षा का समय रहेगा। इसके साथ ही आमजन के लिये कष्टदायी रहेगा। गत 21 नवंबर से शुरू हुआ चारों ग्रह की युति का प्रभाव 14 जनवरी 2020 तक प्रभावी रहेगा।

पुष्कर के ज्योतिर्विद पंडित कैलाश नाथ दाधीच ने बताया कि वर्तमान में शुक्ल पक्ष मार्गशीर्ष मास में चार ग्रहों की युति धनुराशि पर विद्यमान है। स्वयं बृहस्पति के साथ शुक्र, शनि व केतु विराजमान है। इन चार ग्रहों की युति से प्रशासन व शासन के लिए कड़ी अग्नि परीक्षा का समय रहेगा। शासन और प्रशासन में तनाव व अस्थिरता का योग बनेगा जिससे जनता एवं जनमानस को कष्ट एवं क्षति का सामना करना पड़ेगा। साथ ही आक्रोश व आंदोलन का योग बनेगा। इस अवधि के दौरान धातुओं व वस्त्रों में तेजी का योग बनेगा। जबकि सोना, चांदी, रुई, कपास चांदी में भारी मंदी आएगी। गेहूं, चना, चावल, सरसों शक्कर, अलसी, हींग आदि में भी उछाल आएगा। इस अवधि के दौरान भारत में पड़ोसी देशों से संकट आने एवं सैनिक विद्रोह के योग बनते हैं। भारत के भीतरी भाग दक्षिण भारत में अशांति, झगड़े, बलात्कार, एवं मानसून प्रकृति के प्रकोप देखे जाएंगे। बरसात का योग बनेगा मौसम ठंडा होगा एवं जनमानस में अशांति का वातावरण रहेगा। धनु राशि वालों के लिए यह पक्ष अच्छा नहीं रहेगा। दान-पुण्य, धर्म, गुरु मंत्र, गुरु आशीर्वाद से पीली वस्तु के दान से शांति का वातावरण बनेगा। इसी अवधि के दौरान आगामी 16 दिसंबर से मल मास आरंभ होगा। मलमास भी 14 जनवरी तक प्रभावी रहेगा। इस दौरान मांगलिक कार्य, शादी-विवाह, गृह प्रवेश, व्यापारिक प्रतिष्ठान शुभारंभ समेत सभी शुभ कार्य वर्जित रहेंगे।


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