काफी कुछ बदलेगा शायद अब????

वर्तमान में पूरे विश्व की स्थिति को हम देख रहे हैं शायद रफ्तार में काफी धीमा हो गया हैं, वो रफ्तार शायद जिसकी जरूरत ही नहीं थी, और अगर थी भी तो हम अपने मूल उद्देश्य, विचारों, सिद्धांतों को नहीं भूलते मगर हमनें ऐसा नहीं किया, कारण एक ही था कि हमें ताकतवर बनना था उसके लिए हमें चाहे कुछ भी क्यों ना करना पड़े| लेकिन इसका असर क्या हुआ हमनें देख लिया हैं| 


             एक और जहाँ हम भारत की तुलना पूरे विश्व से करें तो हम अपने आप को विश्व स्तर पर विकासशील ही देखते रहे और ऐसा ही कुछ विश्व ने भारत को ऐसा देखा, परन्तु आज इस विश्व व्यापी समस्या के बाद भारत को पूरा विश्व एक अलग नजर से देख रहा हैं, इसकी संस्कृति इसके व्यवहार और इसकी सहनशीलता को मानों पूरा विश्व धीरे धीरे एक आदर्श के रूप में देख रहा हैं| वह देख रहा हैं कि हजारों लाखों वर्षों की संस्कृति के ऐसे कौन से मूल तत्व, मूल आधार, मूल विचार और मूल सिद्धांत हैं जो इस संस्कृति को दिनों दिन परवान चढ़ा रहे हैं| वास्तव में यह देश ऋषि मुनियों का और विभिन्न धर्मों का देश हैं जिसने अपनी एक अलग कभी ना टूटने वाली और कभी ना मिटने वाली संस्कृति बनायीं हैं| यहाँ के चारों वेदों में मानों संपूर्ण ज्ञान हैं| यही कारण है कि काफी वर्षों से विश्व के अनेक देश हमारे चारों वेदों की शिक्षा को अपने देश में भी पढा रहे हैं और उन वेदों के ज्ञान को अपने देश में विकसित कर रहे हैं|  निश्चित तौर पर हमें अपने वेदों पर गर्व होना चाहिए और हम यह कह सकते हैं कि आज इस विश्व व्यापी समस्या के खत्म होने के बाद एक नयें विश्व का निर्माण भी हो सकता हैं, एक ऐसा विश्व जिसमें भारत अपनी संस्कृति को एक शक्ति के रूप में विश्व के सामने लोहा मनवाने को अटल होगा और निश्चित ही भारत की इस शक्ति को पूरा विश्व मानेगा भी | 


आज हम देख रहे हैं कि इस विश्व व्यापी समस्या के सामने बडे़ से बड़ा ताकतवर देश जो कि अपनी ताकत को हथियारों और न्यूक्लियर पावर से दर्शाते थे उनकी क्या हालत/ स्थिति हो गयी और उनके सामने भारत की क्या स्थिति हैं यह स्पष्ट हैं कि ताकत केवल हथियारों, बमों, और न्यूक्लियर पावर से ही नहीं दिखाई जा सकती हैं, बल्कि किसी समस्या के आने पर एक अच्छें प्रबंधन से उस समस्या को कम करने या रोकने का हुनर भी होना चाहिए | शायद भारत इस ओर बढ़ रहा हैं और आज पूरा विश्व भारत को एक बाजार के रूप में नहीं बल्कि इसकी संस्कृति में छुपे उन गुणों को देख रहा हैं या देखने की कोशिश कर रहा हैं जो इसको महान बनाती हैं| 


ये बात तो तय हैं कि इस विश्व व्यापी समस्या के खत्म होने के बाद पूरे विश्व में बहुत कुछ बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा वो शायद किसी भी रुप में क्यों ना हो, परन्तु यह भी सत्य है कि उस बदलाव में भारत की बड़ी अहम् भूमिका रहने वाली हैं, चाहे वह किसी भी रुप में क्यों ना हो | 


इसलिए यह कहा जा सकता हैं कि हां काफी कुछ बदलेगा शायद अब | 



                            धन्यवाद 


                                      डॉ. तरुण दुबे


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